घर पर बैठे सीखे ,ई-मित्र सेवाओं की जानकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज की सेवा का नाम बिजनेस रजिस्ट्रेशन नम्बर(BRN)
व्यवसाय को किसी व्यक्ति ,साझेदारी या निगम /संगठन आदि के उद्यमशील इकाई के रूप में परिभाषित किया जा सकता है,जो वाणिज्य विनिर्माण या सेवा में लगे हुए है, जबकिव्यापार रजिस्ट्रेशन (बीआर) प्रतिष्ठानों और उद्यमो की एक सूची है यह सर्वेक्षण तैयार करने और समन्यवय के लिय एक सांख्यिकीय उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह व्यवसाय जनसंख्या के सांख्यिकीय विश्लेषण और इसकी जनसांख्यिकी के लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है
राज्य के सभी प्रतिष्ठान/ व्यवसाय, जो पहले से स्थापित है या जो उद्यमी प्रतिष्ठान/ व्यवसाय स्थापित करने की इच्छा रखते है, के लिए बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर तथा मुख्य आर्थिक गतिविधि कोड राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरर्णी 2008 (समस्त आर्थिक गतिविधियाँ) के द्वारा निर्धारित करके उद्यमों का एक विशिष्ठ ढाँचा विकसित किया जाना है जो कि बिजनिस रजिस्टर के नाम से जाना जायेगा, यह सभी उप-क्षेत्रों यथा व्यापार, होटल, रेस्टोरेन्ट, परिवहन, संचार भू-राजस्व, कानूनी व व्यापारिक सेवायें उद्योग, फैक्ट्री एवं अन्य वे सभी क्रियाकलाप जो वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन में संलिप्त है तथा राज्य आय में योगदान देते है, के लिए होगा। जिला बिजनिस रजिस्टर जिला स्तरीय सांख्यिकीय सूचनाओं के सृजन और समय-समय पर करवायें जाने वाले सर्वेक्षणों के लिए व्यवस्थित ढाँचे के रूप में एक उपयोगी साधन होगा।
इसलिए, राज्य सरकार द्वारा बिजनिस रजिस्टर को विकसित करने के लिए सभी जिलों के उप/सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी कार्यालयों में बिजनिस रजिस्ट्रेशन केन्द्र स्थापित करना आवश्यक समझा गया है। राज्य सरकार प्रशासनिक व्यवस्था के तहत बिजनिस रजिस्टर के कार्य के लिए निम्नानुसार व्यवस्था करती है:-
राज्य स्तर पर पदेन राज्य बिजनिस रजिस्ट्रार तथा जिला स्तर पर पदेन अतिरिक्त जिला बिजनिस रजिस्ट्रार द्वारा बिजनिस रजिस्टर से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्य का पूर्ण रूप से पर्यवेक्षण किया जावेगा।
सभी प्रतिष्ठानों/व्यवसायों के उद्यमी राज्य के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निकटतम जिला कार्यालय में स्वयं या ऑनलाईनबिजनिस रजिस्ट्रेशन के आवेदन पत्र में विधिक नाम, व्यवसायिक संस्था का प्रकार, मुख्य व्यवसाय का पता साक्ष्य सहित इत्यादि भरकर नि:शुल्क 16 अंकों का बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त करके उद्यमी प्रतिष्ठान/ व्यवसाय के पंजीकरण हेतु सम्बन्धित पंजीकरण प्राधिकारी को निर्धारित आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे। इस अधिसूचना की जारी होने की तिथि से पूर्व पंजीकृत संस्थान भी निर्धारित प्रक्रिया से बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त कर सकते हैं।
अत: अब राज्य सरकार इस अधिसूचना के द्वारा राज्य के सभी पंजीकरण प्राधिकारियों और अन्य संस्थाओं जिसमें विद्युत /जल आपूर्ति प्राधिकरण/स्थानीय निकाय/ नगरपालिकायें आदि सम्मिलित हैं, को निर्देशित करती है कि वे सभी व्यवसायों/प्रतिष्ठानों का पंजीकरण/नवीनीकरण एवं सम्बन्धित कार्यों के लिये निर्धारित आवेदन पत्र स्वीकार करते समय सभी उद्यमियों से आवेदन पत्र में 16 अंकों का बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर भी समाविष्ट करावें।
यह अधिसूचना भारतीय कम्पनी एक्ट-1956 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 1/1956), फैक्ट्री एक्ट-1948 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 63/1948), शॉप एवं कॉमर्शियल एस्टेबलिशमेंट एक्ट-1958, सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट-1958, कॉपरेटिव सोसायटी एक्ट-2001, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला उद्योग केन्द्र (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006) आदि एवं अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत पंजीकृत होने वाले प्रतिष्ठानों/व्यवसायों पर भी प्रभावी रहेगी।
इसलिए, राज्य सरकार द्वारा बिजनिस रजिस्टर को विकसित करने के लिए सभी जिलों के उप/सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी कार्यालयों में बिजनिस रजिस्ट्रेशन केन्द्र स्थापित करना आवश्यक समझा गया है। राज्य सरकार प्रशासनिक व्यवस्था के तहत बिजनिस रजिस्टर के कार्य के लिए निम्नानुसार व्यवस्था करती है:-
निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग | पदेन राज्य बिजनिस रजिस्ट्रार |
संयुक्त निदेशक (एन.एस.एस.) आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग | पदेन अतिरिक्त राज्य बिजनिस रजिस्ट्रार |
समस्त जिला कलेक्टर | पदेन जिला बिजनिस रजिस्ट्रार |
समस्त जिला उप/सहायक निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग | पदेन अतिरिक्त जिला बिजनिस रजिस्ट्रार |
सभी प्रतिष्ठानों/व्यवसायों के उद्यमी राज्य के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निकटतम जिला कार्यालय में स्वयं या ऑनलाईनबिजनिस रजिस्ट्रेशन के आवेदन पत्र में विधिक नाम, व्यवसायिक संस्था का प्रकार, मुख्य व्यवसाय का पता साक्ष्य सहित इत्यादि भरकर नि:शुल्क 16 अंकों का बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त करके उद्यमी प्रतिष्ठान/ व्यवसाय के पंजीकरण हेतु सम्बन्धित पंजीकरण प्राधिकारी को निर्धारित आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे। इस अधिसूचना की जारी होने की तिथि से पूर्व पंजीकृत संस्थान भी निर्धारित प्रक्रिया से बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त कर सकते हैं।
अत: अब राज्य सरकार इस अधिसूचना के द्वारा राज्य के सभी पंजीकरण प्राधिकारियों और अन्य संस्थाओं जिसमें विद्युत /जल आपूर्ति प्राधिकरण/स्थानीय निकाय/ नगरपालिकायें आदि सम्मिलित हैं, को निर्देशित करती है कि वे सभी व्यवसायों/प्रतिष्ठानों का पंजीकरण/नवीनीकरण एवं सम्बन्धित कार्यों के लिये निर्धारित आवेदन पत्र स्वीकार करते समय सभी उद्यमियों से आवेदन पत्र में 16 अंकों का बिजनिस रजिस्ट्रेशन नम्बर भी समाविष्ट करावें।
यह अधिसूचना भारतीय कम्पनी एक्ट-1956 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 1/1956), फैक्ट्री एक्ट-1948 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 63/1948), शॉप एवं कॉमर्शियल एस्टेबलिशमेंट एक्ट-1958, सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट-1958, कॉपरेटिव सोसायटी एक्ट-2001, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला उद्योग केन्द्र (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006) आदि एवं अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत पंजीकृत होने वाले प्रतिष्ठानों/व्यवसायों पर भी प्रभावी रहेगी।
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